Shiv chaisa - An Overview

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

* more info कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर shiv chalisa lyricsl करें।

सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।

क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *